डाक टाइम्स न्यूज समाचारपत्र ब्यूरो महराजगंज। विद्या का मंदिर कहे जाने वाले शिक्षण संस्थान वैसे तो भारतीय संस्कृति में एक सेवा का स्थल है जहां से समाज को शिक्षित कर राष्ट्र निर्माण की दिशा और दशा तय होती है लेकिन वर्तमान परिवेश में शिक्षण संस्थान सेवा कम व्यापार का साधन बन गया है जहां मोटी रकम तमाम तरह के शुल्क के रूप में वसुले जा रहे हैं। इसी की परिणति का परिणाम उत्तर प्रदेश के जनपद महराजगंज के निचलौल तहसील क्षेत्र के पिपरा काजी टोला कंपियां में स्थित शिक्षण संस्थान रामसुखदास इंटर कालेज का है जहां एक गरीब परिवार के बालिका को परिक्षा से वंचित होना पड़ा है जिसमें विद्यालय प्रबंधन की घोर लापरवाही आ रही है। विद्यालय प्रबंधन द्वारा रंजना गौतम नामक बालिका का रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया और उक्त बात की जानकारी परिक्षा शुरू होने के एक दिन पहले बताया गया जिसके कारण गरीब बालिका परिक्षा से वंचित हो गई।


इस संदर्भ में शिक्षण संस्थान रामसुखदास इंटर कालेज पिपरा काजी टोला कपियां के प्रबंधक से जब मिडिया के लोगों ने बात किया तो उन्होंने कैमरे पर अपने बचाव में कहा की यह मेरे वहां की छात्रा ही नहीं है जबकि बालिका हाई स्कूल उसी विद्यालय से उत्तीर्ण किया है तथा इस सत्र का फीस भी जमा किया है।

बाइट बालिका रंजना गौतम

इसके पुर्व भी शिक्षण सत्र 2020-21 में बृजेश प्रजापति पुत्र निर्मल प्रजापति ग्राम सभा रौतार का भी प्रकरण सुर्खियों में रहा है जिसमें प्रवंधक नागेश्वर पटेल और विद्यालय की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा था जिसे बाद में समाजिक दबा और सिफारिश के बाद सुलह समझौता कर खत्म किया गया।

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