डाक टाइम्स न्यूज समाचार ब्यूरो कुशीनगर । नाव सुरक्षा एवं नाविक कल्याण नीति पर अपर जिलाधिकारी ने दिए आवश्यक निर्देश
ग्राम पंचायत, नगर निकाय, तहसील, व जनपद स्तर पर की जाने वाले कार्यवाही के बारे में दिए आवश्यक निर्देश
सभी संबंधित विभागों को किया निर्देशित
अपर जिलाधिकारी देवी दयाल वर्मा ने नाव सुरक्षा एवं नाविक कल्याण नीति के संदर्भ में ग्राम पंचायत/ नगर निकाय व तहसील व जनपद स्तर पर की जाने वाली कार्यवाही के संदर्भ में निर्देशित किया। उन्होंनें कहा कि जहां नाव संबंधित घटनाएं अधिकांश घटित होती है वहां सभी नावों का सर्वेक्षण व समुचित रिकॉर्ड सुनिश्चित किया जाए। नाव/ नाविक व गोताखोरों का रिकॉर्ड रखा जाए। गोताखोरों को पंजीकृत कराया जाए। नौका परिवहन हेतु चिन्हित स्थलों का चयन किया जाए।नौका परिचालन हेतु समय का निर्धारण किया जाए। प्रत्येक यात्रा भ्रमण की शुरुआत में नाविक द्वारा यात्रियों को सुरक्षा और सतर्कता हेतु आवश्यक निर्देश दिया जाए। सभी नाव पर लाइफ़ सेविंग किट अनिवार्य रूप से रखा जाए। नदी की स्थिति प्रतिकूल होने पर क्षमता से आधी संख्या में ही यात्री बिठाए जाएं, तथा समय-समय पर नौकाओं का फिटनेस नाविक द्वारा प्रस्तुत किया जाए।
अपर जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिला स्तरीय समिति के समन्वय से नाविकों तथा गोताखोरों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का क्रियान्वयन कराया जाए। नाव दुर्घटना में मृतक/ घायल को 24 घण्टे के अंदर आर्थिक सहायता प्रदान की जाए ।
प्रत्येक वर्ष 10 जून के पूर्व नाव सुरक्षा जागरूकता सप्ताह मनाया जाए तथा नागरिकों/ गोताखोरों आम जनमानस को नाव सुरक्षा के संबंध में जागरूक किया जाए ।
परिवहन विभाग देशी मानव चलित नौकाओं के संचालन, सुरक्षा, रखरखाव से संबंधित तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वय से नौका दुर्घटना प्रबंधन से संबंधित विभाग स्टेकहोल्डर्स की जागरूकता एवं क्षमता वृद्धि हेतु एक्शन प्लान बना कर उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
चिकित्सा विभाग द्वारा नावों पर रखे जाने वाले प्राथमिक चिकित्सा किट में सम्मिलित की जाने वाली औषधियों और सामग्री की सूची तहसील स्तरीय समिति को उपलब्ध करा दिया जाए।
बाढ़ खंड प्रदेश की नदियों में पानी छोड़े जाने की पूर्व सूचना जिला प्रशासन /पुलिस प्रशासन को दे तथा नाव दुर्घटना वाले क्षेत्रों को चिन्हित करें।