डाक टाइम्स न्यूज समाचार ब्यूरो कुशीनगर । भारतीय किसान यूनियन (अ) के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह के नेतृत्व में जनपद कुशीनगर की लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने तथा कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान, जो कई करोड़ रूपये बकाया है, उसका सम्पूर्ण भुगतान अबिलम्ब कराने के लिये किसानों द्वारा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन के तीसरे चरण का आज 23वां दिन है। आज धरना-प्रदर्शन स्थल से यूनियन के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने बताया कि, लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने के लिये सभी परिस्थितियाँ अनुकूल होने के वावजूद भी भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन की सरकार किसान हित में मूकदर्शक बनी हुई है। लक्ष्मीगंज चीनी मिल क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष 60 से 70 लाख कुन्तल गन्ने की पैदावार होता है। इस मिल का कोई काँटा भी नही होता था। किसान अपने गन्ने को सीधे चीनी मिल गेट पर लाता था। इस मिल को बन्द हों जाने के वजह से यहाँ का किसान, बेरोजगार और व्यापारी सभी परेशान है। इस मिल के पास जगह की कमी भी नही है। यहाँ पर एक नही दो-दो चीनी मिलें लगवाई जा सकती है।
           
   आगे यूनियन के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने डबल इंजन की सरकार से जानना चाहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर विराजमान नेता- श्री नड्डा तक लक्ष्मीगंज बन्द बन्द चीनी मिल को चलवाने की घोषणा वि.स.चुनाव 2022 के आचार-संहिता लगने के दौरान कर चुके हैं और मुख्यमंत्री- योगी जी बन्द चीनी-मिलों को पुनर्संचालित करने की घोषणा किसानों के सम्मेलन में कर चुके हैं तो, लक्ष्मीगंज बन्द चीनी-मिल को चलवाने की घोषणा करने में इतना देर क्यों हो रही है?

एक तरफ सरकार कहती है कि चीनी मिल द्वारा किसानों के गन्ने का भुगतान 14 दिन में उनके खाते में चला जायेगा मगर कप्तानगंज चीनी मिल प्रबंधन जो किसानों के कई करोड़ रूपये डकारने में लगी है, उसके ऊपर योगी सरकार का चाबुक कब चलेगा और किसानों के गन्ने का भुगतान कब होगा, अब आने वाला कल ही बताएगा!  
                      
    अन्त में भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) की जिला इकाई कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से माँग किया है कि, जनपद कुशीनगर की लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को अविलम्ब चलवाने की घोषणा करके उसमे कार्य प्रारम्भ कराए साथ ही साथ कप्तानगंज चीनी मिल पर जो किसानों के गन्ने का भुगतान कई करोड़ रूपये बकाया है उसे किसानों के खाते में तत्काल भेजवाने का प्रबन्ध करे अन्यथा इस धरना प्रदर्शन की रुपरेखा बदलने में देर नही लगेगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

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