डाक टाइम्स न्यूज समाचार ब्यूरो कुशीनगर । लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने के लिये पिछले पांच वर्षों से जारी अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन तीसरे चरण के 35वें दिन भी जारी। भारतीय किसान यूनियन (अ) के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह के नेतृत्व में जनपद कुशीनगर की लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने तथा कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान, जो कई करोड़ रूपये बकाया है, उसका सम्पूर्ण भुगतान ब्याज के साथ अबिलम्ब कराने के लिये किसानों द्वारा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन के तीसरे चरण का आज 35वां दिन है। धरना-प्रदर्शन स्थल पर यूनियन के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने बताया कि, इस जनपद में यदि कोई परेशान है तो लक्ष्मीगंज क्षेत्र का किसान, ब्यापारी और बेरोजगार क्योकि लक्ष्मीगंज चीनी मिल बन्द हो जाने के वजह से इस क्षेत्र का किसान अपने गन्ने को रामकोला, कप्तानगंज, ढाडा (हाटा) और जनपद गोरखपुर के पिपराईच चीनी मिल पर ले जाने के लिये मजबूर है जहाँ पर किसान भाड़े के रूप में ज्यादा से ज्यादा रुपये खर्च करता है और साथ ही साथ उन्हें गन्ना चीनी मिल में ले जाने में काफी समय भी लग जाता है। यदि केंद्र की सरकार अपने आठ वर्ष पूरे होने के खुशी में जश्न मना रही है तो हम डबल इंजन की सरकार को कहना चाहते है कि, खुशी मनाने से पहले जनपद कुशीनगर की लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने की घोषणा करके कार्य प्रारम्भ कराए तभी इस क्षेत्र के किसानों के साथ मिल चलवाने का जो वादा किया गया है वह सार्थक होगा तब जाकर किसानों की आय दोगुनी होने की सम्भावना बढ़ सकती है।
   
     आगे यूनियन के जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि, कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान करने में असमर्थ है तो उसका मुख्य रूप से जिम्मेदार कौन है मिल मालिक? या
जनपद कुशीनगर के गन्ना विभाग के आला अधिकारी या कोई और जनपद का अधिकारी? विश्वस्त सूत्रों द्वारा ज्ञात हुआ है कि, कप्तानगंज चीनी मिल के पास न चीनी बचा है और न ही शिरा। यदि मिल की स्थिति यही है तो सूबे की सरकार जाँच बैठाकर सबसे पहले यह पता करे की कप्तानगंज चीनी मिल का चीनी और शिरा किसके आदेश से बेचा गया? और किसानों के गन्ने का भुगतान क्यों नही किया जा रहा है?

      अन्त में यूनियन के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने सरकार से माँग किया है कि, हमारे उपरोक्त माँगों के ऊपर जल्दी से जल्दी कारवाही करके यूनियन को अवगत कराये अन्यथा धरना प्रदर्शन को और तेज करके सरकार को बाध्य करने का कार्य किसान करेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। इस मौके पर जिलासचिव चेतई प्रसाद, चाँदबली, पूना देवी, सावित्री देवी, दुखना देवी, मंजू देवी, लालधर चौधरी के साथ साथ अन्य किसान मौजूद रहे।

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