डाक टाइम्स न्यूज समाचारपत्र खड्डा/कुशीनगर- जनपद कुशीनगर के तहसील क्षेत्र खड्डा अंतर्गत ग्राम सभा मदनपुर-सुकरौली निवासीनी पहले थाना खड्डा में न्याय के लिए तहरीर दी जब किसी प्रकार का सुनवाई नहीं हुआ तो पहुची तहसील दिवस पर तहसील खड्डा में पहुंच सम्पूर्ण समाधान दिवस में अपने मामले में अपने ऊपर बिती घटना को बताया।इस पीड़ित महिला ने अपने तीन छोटे बच्चों के साथ अकेले निवास करती है। अकेला देख बगल के लोगों ने उसके घर की जमीन को हड़पने के नियत से उक्त अकेली महिला के

जमीन के अंदर घुस कर अपना खूंटा-डंडा गाड़ दिए। उक्त बातें महिला ने एक पत्र के माध्यम से आप बिती फरियाद सुनाई।उक्त महिला ने अपने पड़ोसियों के द्वारा प्रताड़ित करते हुए मारपीट करने तथा गाली-गलौज करने का आरोप लगाते हुए खड्डा थाने को लिखित तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई थी।जिस पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं होने के कारण आज तहसील दिवस पर पहुंच कर अपनी फरियाद उपजिलाधिकारी खड्डा को अवगत कराई। बताते चलें कि कुशीनगर जिले के खड्डा तहसील अंतर्गत ग्राम सभा मदनपुर सुकरौली निवासिनी दुर्गावती देवी पत्नी सुखारी (हरिजन) ने गांव में ही जमीन खरीदा था। जो लगभग 5-6 सालों से अपना घर उसी जमीन में बना कर अपने पूरे परिवार के साथ निवास करती हैं। जमीन को बेचने वाले ने नगद रूपया लेकर एक स्टैंप पेपर पर लिखा है कि उक्त जमीन जो मैंने बेच दिया हूँ। उस जमीन से अब हमारे तथा हमारे पूरे परिवार को कोई लेना देना नहीं है और हम पुरे परिवार के लोग ना ही उस जमीन से कोई वास्ता रखेंगे।जहां आज 5 -6 सालों से खरिदने वाली दुर्गावती देवी पत्नी सुखारी हरिजन अपना घर बना कर अपने पूरे परिवार के साथ अपना गुजर-बसर करते है। दुर्गावती देवी ने दिए तहरीर में दर्शाया है कि बगल के ही लोगों ने उसके जमीन को हड़पने की नियत से उसके जमीन के अंदर घुस कर मेरा खूँटा उखाड़ कर अपना खूंटा गाड़ दिए हैं। जिसके कारण हमारा जमीन दो तीन हाथ कम हो गया है। जिसके विषय में पूछने पर उक्त लोग अपने परिवार के साथ आकर मुझे गाली गलौज देते हुए मारपीट कर घायल कर दिए थे। पीड़िता दुर्गावती देवी ने कहा कि उक्त लोगों ने मेरे छोटे-छोटे बच्चों को भी मारा पीटा हैं। पीड़िता ने कहा कि मेरे पति बाहर कमाने के लिए गए हैं और उक्त लोगों के द्वारा किए जा रहे उत्पिडन से डरी हुई व सहमी हुई हूं। दुर्गावती ने बताया कि दिनांक 2 मई 2022 के उक्त घटना को देखते हुए हमने खड्डा थाने को लिखित तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई थी। लेकिन सुनवाई नहीं होने के कारण आज मैं तहसील दिवस पर पहुंच कर अपनी फरियाद सुनाई तथा न्याय की गुहार लगायी हुँ।

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