डाक टाइम्स न्यूज़ समाचार पत्र ब्यूरो कुशीनगर। भारतीय किसान यूनियन (अ) के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह के नेतृत्व में जनपद कुशीनगर की लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने तथा कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान, जो कई करोड़ रूपये बकाया है, उसका सम्पूर्ण भुगतान ब्याज के साथ अबिलम्ब कराने के लिये किसानों द्वारा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन के तीसरे चरण का आज 66वाँ दिन है। आज धरना स्थल पर यूनियन के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने कहा है कि, तीसरे चरण में विगत 66 दिनों से किसान आन्दोलित है और सरकार किसानों की माँगों के ऊपर कुछ बोलने को तैयार नही है क्यों, क्या सरकार को सिर्फ बड़े बड़े उधोगपति ही नजर आ रहे है?- जो किसान, देश का पेट भरने के लिये अपने नीद और चैन को त्याग कर अन्न पैदा करता है, उन्ही की जायज माँगों के ऊपर डबल इंजन की सरकार की नजर कब पड़ रही है, आखिर क्यों ‘योगी सरकार’ माननीय सुप्रीम कोर्ट से वापल अपील लेने / रद्द होने के बावजूद न माननीय उच्च न्यायालय के दिनाँक 01 अप्रैल 2010 के निर्णय का अनुपालन कर रही है और न बार-बार बन्द चीनी मिलों को संचालित करने की घोषणा करने और लगातार किसानों द्वारा विगत पाँच वर्षों से लगातार धरना प्रदर्शन करने के उपरान्त भी लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को पुन:संचालित कर रही है आखिर गाँधीवादी तरीके से जारी इस आन्दोलन पर सरकार की नजर कब पड़ेगी?-
 
हम सूबे के योगी सरकार को बताना चाहते है कि, गन्ना आयुक्त द्वारा सभी मिलों पर गन्ने की आपूर्ति तय किया जाता है कि, किस चीनी मिल पर किस क्षेत्र का गन्ना आपूर्ति होगा। कप्तानगंज चीनी मिल पर गन्ना आयुक्त के आदेशानुसार ही किसान अपने गन्ने को चीनी मिल को देते है और यदि गन्ने की भुगतान किसानों के खाते में अभी तक नही पहुँचा है तो लखनऊ में बैठे सरकार के मुखिया – मुख्यमंत्री और गन्ना आयुक्त अभी तक इस विषय में मौन ब्रत क्यों धारण किए हुए है?-
      
अन्त में यूनियन के जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने पूछा कि, क्या मुख्यमंत्री और गन्ना आयुक्त की नैतिक जिम्मेदारी नही बनती है कि, बंद चीनी मिलों को पुन:संचालित करने और किसानों के गन्ने का भुगतान 14 दिन में कराने की घोषणाओं को अमली जामा पहनाएं?- यदि बनती है तो, हम सूबे के मुख्यमंत्री और गन्ना आयुक्त से माँग करते है कि, मुख्यमन्त्री योगी जी की घोषणाओं का अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलाने की दिन और तारीख तय करे तथा साथ ही कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान जो कई करोड़ रुपये बकाया है उसे ब्याज सहित किसानों के खाते में भेजवाने का कार्य करे ताकि इस किसान आन्दोलन को हमेशा हमेशा के लिये पूर्ण विराम लग सके अन्यथा किसान आन्दोलन ऐसे ही चलता रहेगा और इस बीच में किसी प्रकार की कोई घटना घटित होती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। इस मौके पर छोटे वर्मा, दिनानाथ यादव, संगम, असरफ अली, हेमन्त, चाँदबली, छेदी, हारून अन्सारी, नरेश, जगदीश, संजय के साथ साथ अन्य किसान उपस्थित रहे।                        

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