डाक टाइम्स न्यूज समाचार पत्र ब्यूरो महराजगंज।

देश के तमाम हिस्सों में जहां भारी बारिश और बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है तो वहीं पुर्वांचल मानसून की बेरुखी के कारण सूखे की मार झेलने को मजबुर है पुर्वांचल का जिला महराजगंज में सावन मास शुरू हो जाने के बाद भी बरसात नहीं होने से किसानों के चेहरे पर सूखे का डर

साफ देखा जा सकता है । किसानों ने किसी तरह से अपने निजी संसाधनों से धान की रोपाई तो कर लिया है लेकिन मानसून अब तक नही पहुंचने और बारिश न होने के कारण किसानों में भारी निराशा देखने को मिल रही है। कुछ किसान अपने निजी संसाधनों से अपने खेतो तक पानी पहुंचा कर फसल को सूखने से बचाने का जतन कर रहे है लेकिन संसाधन विहीन किसानों को अब सूखे का डर सताने लगा है । किसान बारिश का इंतजार कर रहे है अब देखना यह है कि इंद्र देव किसानों की तकलीफों को कब दूर करते है ।

कभी पैदावार के मामले में मिनी पंजाब कहे जाने वाला पूर्वांचल का महराजगंज जिला आज सूखे के डर से खौफजदा हैं यहाँ के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही है 15 जून से वर्षांत माने जाने के बावजूद अबतक सावन की शुरुआत तक बारिश नही होने से भीषण गर्मी से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है न तो नहरों में पानी पर्याप्त है और न ही सीमित मात्रा में चालू ट्यूबेल ही किसानों को पर्याप्त पानी दे पा रहे है जिससे किसानो का और भी बुरा हाल है ।किसान अब पानी के लिए आसमान की तरफ टकटकी लगाए बैठा है। ऐसे में किसान करे तो क्या करें। उसके सामने विकराल समस्या है अगर समय से बारिश नही हुई तो सूखा पड़ जाएगा जिससे किसानों के सामने खाने और अपने बच्चों का देखभाल करने की समस्या उत्पन्न हो जाएगा । किसानों को जीवनयापन के लिए यह एक यक्ष प्रश्न किसानों के सामने ख़डा है।

बाइट – रामबेलास , किसान

बाइट- श्यामबदन, स्थानीय किसान

पिछले वर्ष भारी बरसात होने से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन को काफी मुश्किलो का सामना करना पड़ा था, से सिख लेते हुए डी एम महराजगंज ने इस वर्ष बाढ़ से निपटने के लिए अग्रिम तैयारीयों को काफी चुस्त दुरुस्त कर रखा है लेकिन मौसम के बिगड़े मिजाज ने प्रशासनिक तैयारियों को औचित्यहीन कर दिया है मौसम की दगाबाजी से सूखे से निपटने के लिए प्रशासनिक तैयारियां नगण्य है किसानों को प्रशासनिक स्तर पर अब तक कोई सुविधा मुहैया नही हो सका है। जनपद में किसानों ने धान की बुआई तो किसी तरह अपने संसाधनों से कर ली है लेकिन बारिश होने में देरी और धिरे धिरे बितते जा रहे समय से किसान परेशान हैं लेकिन जिले की नहरो में समय से पानी नही और नहरों से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने का एक मात्र साधन चकनाली को विकास की बलि चढ़ा कर चक मार्ग में तब्दील कर देने के कारण किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और तो और सिचाई विभाग द्वारा सफाई के नाम पर करोडो रुपये सरकारी धन हर वर्ष महज कागजो में सिमट कर रह जाती है। किसानो का कहना है कि इतनी भीषण गर्मी में ज्यादातर नहरे और नदिया सुखी पडी है सरकार द्वारा बनाए जा रहे अमृत सरोवर सुखे पड़े हैं ऐसे में सरकारी दावे हाथी दांत की तरह सावित हो रहे हैं ऐसे में हम किसानों को अपने निजी संसाधनो से पानी चलाकर खेती करना पडता है। तो वहीं जिलाधिकारी ने बताया कि मानसून अभी तक नहीं आया है लेकिन नहरों की समय से साफ सफाई करा ली गई है जिससे ज्यादातर नहरों में पानी आ रही है ।

बाइट- जनार्दन तिवारी किसान

बाइट-ब्यास मुनि किसान


अब देखना ये होगा कि सूखे से प्रभावित पुर्वांचल का जिला महराजगंज, उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के कर्मक्षेत्र का जिला है यहां के किसानों के सामने खड़ी सूखे से बर्बाद हो रही फसलों को बचाने के लिए क्या उपाय करती है या उन्हें उनके हाल पर छोड़ देती है क्या सरकारी लाभ मिल पाएगा, या फिर किसान ऐसे ही सूखे का मार झेलने को मजबूर होंगे।
फिलहाल किसान अब अपने खेतों से उपर वाले की तरफ देख आस लगाए बैठा है कि इन्द्र देव अपनी कृपा इन किसानों पर कब करेंगे या फिर इस किसानों को इस साल सूखे का दंश झेलना पडेगा ।
बाइट=जिलाधिकारी =डा 0 सतेन्द्र कुमार महराजगंज

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