डाक टाइम्स न्यूज समाचारपत्र कुशीनगर-भारतीय जनता पार्टी मंडल पिपरा बाजार मंडल द्वारा बैठक संपन्न 25 सितंबर दिन रविवार को ग्राम सभा लीलाधरा छपरा में मेन रोड प्राथमिक विद्यालय के बगल में ग्राम पंचायत सचिवालय पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती मनाया गया साथ ही माननीय प्रधानमंत्री जी की मन की बातों को भी सुना गया। मुख्य अतिथि सांसद बिजय कुमार दुबे अपने संबोधन में कहा कि अंत्योदय का नारा देने वाले दीनदयाल उपाध्याय का कहना था कि अगर हम एकता चाहते हैं, तो हमें भारतीय राष्ट्रवाद को समझना होगा, जो हिंदू राष्ट्रवाद है और भारतीय संस्कृति हिन्दू संस्कृति है। पं. दीनदयाल उपाध्याय ने अपनी परंपराओं और जड़ों से जुड़े रहने के बावजूद समाज और राष्ट्र के लिए उपयोगी नवीन विचारों का सदैव स्वागत किया।पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 को मथुरा जिले के नगला चंद्रभान गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम भगवती प्रसाद उपाध्याय और माता का नाम रामप्यारी था। उनके पिता रेलवे में सहायक स्टेशन मास्टर थे और माता धार्मिक प्रवृत्ति की थीं। दीनदयाल 3 वर्ष के भी नहीं हुए थे, कि उनके पिता का देहांत हो गया और उनके 7 वर्ष की उम्र में मां रामप्यारी का भी निधन हो गया था।

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आएं, आजीवन संघ के प्रचारक रहे। 21 अक्टूबर 1951 को डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की अध्यक्षता में ‘भारतीय जनसंघ’ की स्थापना हुई। 1952 में इसका प्रथम अधिवेशन कानपुर में हुआ और दीनदयाल उपाध्याय जी इस दल के महामंत्री बने तथा 1967 तक वे भारतीय जनसंघ के महामंत्री रहे।मंडल प्रभारी दीप लाल भारती जी ने कहा कि अंत्योदय का नारा देने वाले दीनदयाल उपाध्याय का कहना था कि अगर हम एकता चाहते हैं, तो हमें भारतीय राष्ट्रवाद को समझना होगा, जो हिंदू राष्ट्रवाद है और भारतीय संस्कृति हिन्दू संस्कृति है। उनका कहना था कि भारत की जड़ों से जुड़ी राजनीति, अर्थनीति और समाज नीति ही देश के भाग्य को बदलने का सामर्थ्य रखती है। कोई भी देश अपनी जड़ों से कटकर विकास नहीं कर सका है।मंडल अध्यक्ष महेश रौनियार ने कहा कि सन् 1967 में कालीकट अधिवेशन में उपाध्याय जी भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए और मात्र 43 दिन बाद ही 10/11 फरवरी 1968 की रात्रि में मुगलसराय स्टेशन पर उनकी हत्या कर दी गई और इस सूचना से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। दीनदयाल उपाध्याय ने अपनी परंपराओं और जड़ों से जुड़े रहने के बावजूद समाज और राष्ट्र के लिए उपयोगी नवीन विचारों का सदैव स्वागत किया। उन्हें भाजपा के पितृपुरुष भी कहा जाता है।वरिष्ठ भाजपा नेता किशोर यादव ने कहा कि धर्म एक बहुत ही व्यापक और विस्तृत विचार है, जो समाज को बनाए रखने के सभी पहलुओं से संबंधित है।भाजपा नेता धनंजय तिवारी ने कहां की बिना राष्ट्रीय पहचान के स्वतंत्रता की कल्पना व्यर्थ है।हमें सही व्यक्ति को वोट देना चाहिए न की उसके बटुए को, पार्टी को वोट दे किसी व्यक्ति को भी नहीं, किसी पार्टी को वोट न दे बल्कि उसके सिद्धांतों को वोट देना चाहिए।एक अच्छे को शिक्षित करना वास्तव में समाज के हित में है।अनेकता में एकता और विभिन्न रूपों में एकता की अभिव्यक्ति भारतीय संस्कृति की सोच रही है।अवसरवाद से राजनीति के प्रति लोगों का विश्वास खत्म होता जा रहा है। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की लालसा हर मनुष्य में जन्मजात होती है और समग्र रूप में इनकी संतुष्टि भारतीय संस्कृति का सार है।अंग्रेजी शब्द रिलीजन धर्म के लिए सही शब्द नहीं मानवीय ज्ञान सभी की अपनी संपत्ति है।शिक्षा एक निवेश है, जो आगे चलकर शिक्षित व्यक्ति समाज की सेवा करेगा।जिसमें प्रमुख रुप से प्रधान संघ के जिला अध्यक्ष संतोष मणि त्रिपाठी सांसद प्रतिनिधि राम अनुज वरिष्ठ भाजपा नेता दुर्गेश मिश्रा संचालन कर रहे मुनीब गौतम अध्यक्षता प्रधान मनोज शंकर, मंडल उपाध्यक्ष अनिल कुमार राय, संजय राय, नित्यानंद पांडेय, मंडल महामंत्री रामाज्ञा चौहान, मंडल मंत्री धर्मेंद्र चौबे, बालदिश शर्मा, मंडल कोषाध्यक्ष सतनारायण प्रजापति, शक्ति केंद्र प्रभारी दुर्गेश मिश्रा, धनंजय तिवारी, संजीव दीक्षित,शक्ति केंद्र संयोजक शैलेंद्र त्रिपाठी,दिनेश गुप्ता,ओम प्रकाश दुबे, राजकुमार गुप्ता,हरीश पांडेय,राणा प्रताप कुशवाहा, सूर्यभान मिश्रा, बूथ अध्यक्ष सुनील राय, नवनीत मिश्रा, आशुतोष मिश्रा, आईटी सेल श्री राम त्रिपाठी,मंडल संयोजक शैलेश मद्धेशिया, भोला जायसवाल युवा मोर्चा अध्यक्ष व पिछड़ा मोर्चा पदाधिकारी गण मौजूद रहे।

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