डाक टाइम्स न्यूज समाचारपत्र ब्यूरो कुशीनगर ।
डबल इंजन की सरकार देश हो या प्रदेश दोनों पायदानों पर बैठ कर किसान हित में अपनी बाह-बाही लुटने में सिर्फ झूठा नाटक कर रही है जबकि, जमीनी हकीकत पर नजर डालें तो सरकार हर जगह फिसड्डी साबित हो रही है। जिसका उदाहरण है पिछले पेराई सत्र के गन्ने का भुगतान न होना, सड़कें अभी भी गढ्ढामुक्त न हो सकी, प्रदेश सरकार ने किसान सम्मेलन में वादा किया था कि, प्रदेश की जर्जर से जर्जर बन्द चीनी मिलों को चलवायेंगें मगर अभी तक एक भी बन्द चीनी मिल को चलाने की घोषणा नही होना, जो चीनी मिलें चालू थी वह भी बन्द हो गयी और किसान अपनी गाढ़ी कमाई लगाकर गन्ना
रामचन्द्र सिंह
उपजाकर चीनी मिलों को दिया है उसका भुगतान करोडों में बकाया है अभी तक नही होना, यदि चीनी मिल चालू नही होगा तो किसानों के गन्ने का भुगतान सम्भव कैसे होगा इत्यादि ! देखा जाय तो हर क्षेत्र में सरकार सिर्फ विफल नजर आ रही है। उक्त बातें भारतीय किसान यूनियन (अ) की जिला इकाई, कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया। आगे जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि, जनपद कुशीनगर का किसान और जनता सिर्फ भाजपा के नेताओं को वोट देकर संसद और विधानसभा में भेजने के लिये नियुक्त किया गया है? कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान जो 42 करोड़ से ज्यादा बकाया है उसे सरकार दिलाने में अपनी चुप्पी क्यों साधे हुए है? इस क्षेत्र के किसानों का कहना है कि, कप्तानगंज चीनी मिल नही चला तो हमारे गन्ने का
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भुगतान कैसे होगा! और हम किसान अपने गन्ने को लेकर दर दर भटकने पर मजबूर है! जनपद कुशीनगर गन्ना बाहुल्य क्षेत्र है। इस जनपद में सेब, अंगूर, अखरोट, बादाम की पैदावार नही होती है। इस जनपद में पहले से ही पाँच चीनी मिलें बन्द पड़ी है और अब छठा कप्तानगंज चीनी मिल भी बन्द हो गया। जनपद की लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलाने के लिये हमारे नेतृत्व में किसान 2017 से माँग कर रहे है, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के घोषणा करने के उपरान्त भी लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल चालू नही होना डबल इंजन की सरकार के लिये शर्मशार है! भाजपा सिर्फ अपना वोट बैंक को बढ़ाने और सत्ता काबिज करने के लिये झूठ पे झूठ बोलते जा रही है और लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलाने की दिन और तारीख तय नही कर रही है और जनपद के किसानों को भ्रमित करने में लगी है! 2014 के लोकसभा चुनाव में भी देश के यशस्वी प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने जनपद के पडरौना की बन्द चीनी मिल को 100 दिन में चलाने का वादा करके लगभग नौ वर्ष लगा दिए और उनका सौ दिन अभी भी पूरा नही हुआ? क्या भाजपा के वरिष्ठ नेतागण सिर्फ झूठ बोलकर सत्ता हथियाने के जुगाड में लगे रहते है। भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) की जिला इकाई, कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सरकार को अगाह किया है कि, विधानसभा सत्र शुरू होने जा रहा है यदि, कप्तानगंज चीनी मिल किसानों के गन्ने का भुगतान अबिलम्ब नही कराती है, कप्तानगंज चीनी मिल को पुन: चलवाने की ब्यवस्था सुनिश्चित नही करती है, किसानों के गन्ने का समर्थन मूल्य इस पेराई सत्र का निर्धारित नही करती है और लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलाने के लिये त्वरित दिन और तारीख तय करके कार्य प्रारम्भ नही कराती है तो हमारा यूनियन बहुँत की जल्द सड़क पर आने को होगा मजबूर जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी |